Date: 
21.11.2018

भाजपा ने चुनाव आयोग को बताया कि उसे 2017-18 के बीच में 400 करोड़ रुपएसे ज्यादा चंदा मिला है। वहीं कांग्रेस ने बताया कि उसे 26 करोड़ रुपए चंदा मिला। सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में भाजपा नंबर एक पार्टी बन गई है।

नेशनल डेस्कः भाजपा ने चुनाव आयोग को बताया कि उसे 2017-18 के बीच में 400 करोड़ रुपएसे ज्यादा चंदा मिला है। वहीं कांग्रेस ने बताया कि उसे 26 करोड़ रुपए चंदा मिला। सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में भाजपा नंबर एक पार्टी बन गई है। हालांकि भाजपा का यह आकड़ा इस साल के अंत तक और बढ़ सकता है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अभी तक अपनी सालाना आयकर रिटर्न और बैलेंस शीट दर्ज नहीं कराई है। इसके अलावा दोनों दलों ने अभी तक अपने इलेक्टोरल-बॉन्ड्स की भी घोषणा नहीं की है।वहीं प्रूडेंट इलेक्टोरल की एक कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मार्च में खत्म हुए फाइनैंशल इयर 2018 में इंडस्ट्री से राजनीतिक चंदा जुटाने वाले इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हुआ है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस दौरान कुल 169 करोड़ रुपए जुटाए, जिसमें से 144 करोड़ उसने भाजपा को दिए। इसके अलावा डीएलएफ ने प्रूडेंट को सबसे अधिक 52 करोड़ दिए। भारती ग्रुप 33 करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर है। श्रॉफ ग्रुप के यूपीएल ने 22 करोड़ और गुजरात के टॉरेंट ग्रुप ने 20 करोड़ रुपए ट्रस्ट को दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीएम श्रीराम ग्रुप ने 13 करोड़, कैडिला ग्रुप ने 10 करोड़ और हल्दिया एनर्जी ने 8 करोड़ रुपए ट्रस्ट को दिए थे।पिछले चार साल में इलेक्टोरल ट्रस्टों को कंपनियों से जो पैसा मिला, उसमें से 90 पर्सेंट प्रूडेंट के खाते में गया। कुछ जानकारों के मुताबिक अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच 18 किस्तों में प्रूडेंट ने भाजपा को 144 करोड़ रुपए दिए। वहीं, कांग्रेस को 2017 में चार चेक पेमेंट किए गए और बीजेडी को 2017 के आखिर और जनवरी 2018 में भुगतान किया गया। इन आकड़ों के मुताबिक 2014 से सत्ता में आने के बाद भाजपा को मिलने वाले चंदे में काफी इजाफा हुआ है।

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