देश के कुल 107 सांसदों और विधायकों के खिलाफ हेटस्पीच के मामले दर्ज हैं। इन पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप है।
देश के कुल 107 सांसदों और विधायकों के खिलाफ हेटस्पीच के मामले दर्ज हैं। इन पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि पिछले 5 सालों में ऐसे 480 नेताओं ने चुनाव भी लड़ा है। यह जानकारी ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) के आंकड़ों से मिली है। एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने सभी सांसदों और विधायकों के अलावा पिछले 5 सालों में देश में हुए चुनावों में असफल उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है।
विश्लेषण से पता चलता है कि कई सांसदों और विधायकों ने अपने खिलाफ ‘‘नफरती भाषण’’ से संबंधित मामलों की घोषणा की है। यह विश्लेषण सांसदों और विधायकों द्वारा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दिए गए हलफनामों पर आधारित है। विश्लेषण के अनुसार, 33 सांसदों ने अपने खिलाफ नफरती भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। जिनमें से 7 उत्तर प्रदेश से, 4 तमिलनाडु से हैं। वहीं बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना से 3-3 जबकि असम, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से 2-2 हैं। इसले अवाला झारखंड, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा और पंजाब से एक-एक हैं।
22 सांसद बीजेपी से हैं
एडीआर ने कहा कि पिछले 5 सालों में नफरती भाषण के आरोप से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है। इसमें कहा गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले 22 सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हैं। वहीं कांग्रेस से दो और आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, द्रमुक, अन्नाद्रमुक, पीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और वीसीके से एक-एक हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय सांसद पर भी नफरती भाषण का मामला दर्ज है।
एडीआर के मुतबिक, 74 विधायकों ने अपने खिलाफ नफरती भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश से 9-9, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना से 6-6, असम और तमिलनाडु से 5-5, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल से 4-4, झारखंड और उत्तराखंड से 3-3, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और त्रिपुरा से 2-2 जबकि मध्य प्रदेश और ओडिशा से एक-एक विधायक शामिल हैं।