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Source
Oneindia
Date
City
New Delhi

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से चंदे का खुलासा किया है। एडीआर की रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और जनता दल (यू) समेत 14 क्षेत्रीय दलों ने 2019-20 में चुनावी बॉण्ड के जरिये 447.49 करोड़ रुपये का चंदा हासिल करने की घोषणा की है और यह उनकी आय का 50.97 फीसदी है।

चुनाव अधिकारों से संबंधित इस समूह की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 877.957 करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार, टीआरएस ने सबसे अधिक 130.46 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो उन सभी दलों की कुल आय का 14.86 प्रतिशत है, जिनकी आय का विश्लेषण किया गया था। इस रिपोर्ट में विश्लेषण किए गए 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय में शिवसेना की आय 111.403 करोड़ रुपये और वाईएसआर-सी की 92.739 करोड़ रुपये थी, जो क्रमश: 12.69 प्रतिशत और 10.56 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 42 क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया गया, उनमें से केवल 14 ने चुनावी बांड के माध्यम से 447.498 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है, जो उनकी कुल आय का 50.97 प्रतिशत है। एडीआर ने कहा कि इन पार्टियों में टीआरएस, तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर-कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), द्रमुक, शिवसेना, आप, जद (यू), समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (सेक्यूलर), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए 42 राजनीतिक दलों में से 39 दलों के उपलब्ध आंकड़ों में से 23 दलों ने 2018-19 की तुलना में 2019-20 में अपनी आय में वृद्धि का जिक्र किया है, जबकि 16 दलों ने इस दौरान अपनी आय में गिरावट का उल्लेख किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 39 दलों की कुल आय 2018-19 में 1087.206 करोड़ रुपये से 212.739 करोड़ रुपये अर्थात 19.57 प्रतिशत घटकर 2019-20 में 874.467 करोड़ रुपये रह गई।

एडीआर ने कहा कि 24 क्षेत्रीय दलों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपनी आय का वह शेष हिस्सा दिखाया है जो खर्च करने के बाद बचा था, जबकि 18 राजनीतिक दलों ने वर्ष के दौरान एकत्रित आय से अधिक खर्च किया। टीआरएस की कुल आय का 83.76 प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं हुआ है, जबकि एआईएडीएमके और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास वित्तीय वर्ष 2019-20 में उनकी आय का क्रमशः7.82 प्रतिशत और 64 प्रतिशत शेष बचा हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है, टीडीपी, बीजद, द्रमुक, सपा, जद (एस), ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन , झारखंड विकास मोर्चा- प्रजातांत्रिक(जेवीएम-पी), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), पट्टाली मक्कल काची (पीएमके), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फॉरवार्ड पार्टी (जीएफपी), सिक्किम डेमोक्रैटिक फ्रंट , मिजो नेशनल फ्रंट , ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी), नगा पीपुल्स फ्रंट , जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (जेकेपीडीपी), इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस 18 क्षेत्रीय दल हैं जिन्होंने अपनी आय से अधिक खर्च करने की घोषणा की है। बीजद ने सर्वाधिक 95.78 करोड़ रुपये खर्च किया है, जो उसकी आय से 106.01 प्रतिशत अधिक है।

एडीआर ने कहा कि 42 क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 676.326 करोड़ रुपये या अपनी कुल आय का 77.03 प्रतिशत दान और चुनावी बांड सहित स्वैच्छिक योगदान से एकत्र किया। रिपोर्ट में कहा गया है, स्वैच्छिक योगदान के तहत, राजनीतिक दलों ने अपनी आय का 50.97 प्रतिशत या 447.498 करोड़ रुपये चुनावी बांड के माध्यम से दान से एकत्र किया, जबकि अन्य दान और योगदान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 228.828 करोड़ रुपये या 26.06 प्रतिशत था।

इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 42 क्षेत्रीय दलों द्वारा ब्याज आय और एफडीआर के माध्यम से कुल आय का 12.96 प्रतिशत या 113.761 करोड़ रुपये उत्पन्न किया गया था।


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