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New Delhi

भाजपा गुमनाम लोगों से मिलने वाले 20 हजार से ज्‍यादा के चंदे में सबसे आगे है। साल 2015-16 में देश की छह राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को 20 हजार रुपए से ऊपर की कुल 1744 रकम चंदे में मिली थी, जिसकी कुल राशि 102 करोड़ रुपए थी। इस चंदे का सबसे बड़ा हिस्सा भारतीय जनता पार्टी को मिला था।

बीजेपी
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मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, देश के 7 राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20 हजार रुपये से ज्यादा की सीमा में 102 करोड़ का चंदा मिला है। यह रकम 1,744 चंदे से मिली है, जिसमें सबसे अधिक चंदा भाजपा को मिला है। भाजपा को 613 दानदाताओं ने कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है।

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, बीजेपी को चंदे में मिली रकम कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस को मिले चंदे से तीन गुना ज्यादा है। कांग्रेस को बीजेपी के बाद सबसे अधिक 20 करोड़ रुपये चंदे में मिले हैं जो उन्हें 918 डोनर्स ने दिए हैं। चंदे का ब्यौरा पार्टियों ने चुनाव आयोग को सौंपा है।

कांग्रेस और बीजेपी ने अपने आयकर रिटर्न की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है इसलिए 20,000 रुपए से कम की लिमिट में कितना चंदा इन्हें प्राप्त हुआ है, यह पता नहीं लग पाया। बसपा ने घोषणा की कि उसे 2015-16 के बीच 20,000 से नीचे का चंदा नहीं मिला है। वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले इस वर्ष राष्ट्रीय पार्टियों के कुल चंदे में 528 करोड़ रुपये की कमी हुई है। यह सीधे तौर पर चंदे में 84 प्रतिशत की गिरावट है।

एनसीपी को मिले चंदे में 98 प्रतिशत की कमी हुई है, उसे इस बार सिर्फ 71 लाख का ही चंदा मिला है। जबकि बीजेपी को मिला चंदा 2014-15 की तुलना में 82 प्रतिशत कम है। बीजेपी को मिले चंदे में 2013-14 और 2014-15 में 156 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और कांग्रेस को मिले चंदे में उसी अवधि में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

सभी राज्यों में सबसे ज्यादा चंदा दान कर्नाटक के डोनर्स ने किया जिन्होंने 80 लाख रुपये भेजे हैं, इसके बाद मेघालय का स्थान है जहां के डोनर्स ने 21.54 लाख रुपये भेजे हैं। दोनों राज्यों का चंदा कांग्रेस को मिला है।