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Source
चेतना मंच
https://chetnamanch.com/national/5-state-assembly-polls-adr-report/
Author
Chetna Manch
Date

5 State Assembly Polls : इन दिनों भारत के पांच राज्यों, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा…

5 State Assembly Polls : इन दिनों भारत के पांच राज्यों, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा की प्रक्रिया चल रही है। इन पांचों राज्यों में करीब राष्ट्रीय, राज्यीय और क्षेत्रीय दलों के 8054 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इन प्रत्याशियों के बारे में जुटाई गई जानकारी काफी चौंकाने वाली है। 1452 प्रत्याशी तो ऐसे हैं, जिनका अपराधिक इतिहास रहा है, जबकि 2371 प्रत्याशी करोड़पति हैं।

5 State Assembly Polls

आपको बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मतदान संपन्न हो चुका है, जबकि तेलंगाना में गुरूवार यानि कल मतदान होना है। इन पांच राज्यों में चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों द्वारा अपने नामांकन के समय चुनाव आयोग को एक एक हलफनामा भी दिया है। इस हलफनामे को आधार बनाकर
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक रिपोर्ट तैयार की है। मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी कर दी गई।

ADR की रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव मैदान में 8054 उम्मीदवारों में से 8051 के हलफनामों की जांच की। जिसके बाद पता चला कि 8051 उम्मीदवारों में से 2,117 राष्ट्रीय पार्टियों से हैं, जबकि 537 क्षेत्रियों दलों, 2051 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी और 3346 उम्मीदवार निर्दलीय हैं।

1452 प्रत्याशियों पर पर अपराधिक केस

एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 18 प्रशित यानि 1,452 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 12 प्रतिशत यानि 959 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 22 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 82 ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 107 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं। इसमें कहा गया है कि 29 प्रतिशत यानि 2371 उम्मीदवार करोड़पति हैं और उनके पास 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। ऐसे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.36 करोड़ रुपये है।

एससी के आदेशों का पालन नहीं

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया हैै। राजनीतिक दलों ने फिर से दागी उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी परंपरा का पालन किया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

चुनाव सुधार में दिलचस्पी नहीं

रिपोर्ट में कहा गया है, दागी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए ठोस कारण नहीं हैं। यह डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राजनीतिक दलों को चुनावी प्रणाली में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमारा लोकतंत्र कानून तोड़ने वालों के हाथों में चला जाता है और वो कानून निर्माता बन जाते हैं।


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