देश के मौजूदा 4856 विधायकों और सांसदों में 21 फीसदी यानी 1024 पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं। इन 1024 में से 6 फीसदी यानी 64 जन प्रतिनिधियों के खिलाफ अपहरण के मामले दर्ज हैं। इनमें 56 विधायक और 8 सांसद शामिल हैं।
नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने प्रतिनिधियों द्वारा इलेक्शन कमीशन को दी गई जानकारी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा भाजपा के 16 प्रतिनिधियों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं।
पार्टी | कितने सांसदों-विधायकों पर अपहरण के मामले | पार्टी | कितने सांसदों-विधायकों पर अपहरण के मामले |
भाजपा | 16 | समाजवादी पार्टी | 3 |
कांग्रेस | 6 | तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) | 3 |
राष्ट्रीय जनता दल | 6 | तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) | 2 |
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) | 5 | कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) | 2 |
बीजू जनता दल (बीजेडी) | 4 | लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) | 1 |
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) | 4 | जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) |
1 |
निर्दलीय | 4 | अन्य | 6 |
बिहार और उत्तरप्रदेश के सबसे ज्यादा विधायकों पर सबसे ज्यादा मामले: रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार और उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा 9-9 विधायकों पर मामले दर्ज हैं। वहीं, महाराष्ट्र में 8 और बंगाल के 5 विधायकों पर अपहरण से जुड़े मामले दर्ज हैं।
राज्य | कितने विधायकों पर अपहरण के मामले | राज्य | कितने विधायकों पर अपहरण के मामले |
बिहार | 9 | गुजरात | 3 |
उत्तरप्रदेश | 9 | तेलंगाना | 1 |
महाराष्ट्र | 8 | छत्तीसगढ़ | 1 |
बंगाल | 6 | हिमाचल प्रदेश | 1 |
ओडिशा | 4 | झारखंड | 1 |
तमिलनाडु | 4 | कर्नाटक | 1 |
आंध्रप्रदेश | 3 | केरल | 1 |
राजस्थान | 3 | पंजाब | 1 |
5 लोकसभा और 3 राज्यसभा सांसदों पर भी अपहरण के मामले: रिपोर्ट के मुताबिक, आरजेडी के 2, एलजेपी-एनसीपी-निर्दलीय के 1-1 लोकसभा सांसद पर अपहरण के मामले हैं। वहीं, भाजपा-सपा और शिवसेना के 1-1 राज्यसभा सांसदों पर मामले दर्ज हैं।