कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 6 राष्ट्रीय दलों समेत 83 पार्टियों ने 2622 उम्मीदवार उतारे थे। इन 83 दलों में राज्य की 8 क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल थीं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और कर्नाटक चुनाव आयोग ने राज्य की 222 (2 पर बाद में मतदान हुआ) सीटों पर वोट शेयर, जीत का अंतर और प्रतिनिधित्व का विश्लेषण किया। रिपोर्ट के मुताबिक, 222 में 123 उम्मीदवारों ने 50% से कम वोटों से जीत हासिल की।
2013 के मुकाबले 41% ज्यादा दलों ने लड़ा चुनाव
- चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में इस बार 83 पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें से 69 पार्टियां रजिस्टर्ड, लेकिन बिना पहचान की थीं। भाजपा, कांग्रेस, बीएसपी समेत 6 राष्ट्रीय दल और जेडीएस, केपीजेपी समेत 8 पार्टियों ने चुनाव लड़ा। 2013 की तुलना में इस साल 41% ज्यादा पार्टी चुनाव में शामिल हुईं। पिछले चुनाव में 59 पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। 2018 में 2013 की तुलना में 3% ज्यादा मतदान हुआ। 2013 में 71 % मतदान हुआ था।
साल | कुल दल | राष्ट्रीय दल | क्षेत्रीय दल | बिना पहचान/ निर्दलीय |
2018 | 83 | 6 | 8 | 69 |
2013 | 59 | 6 | 7 | 45 |
99 उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोट से जीते
- 224 सीटों में 222 पर 12 मई को मतदान हुआ था। इसमें से 99 यानी 45% उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोटों से जीते।
-123 यानी 55% उम्मीदवार 50% से कम वोट से जीते।
- भाजपा के कुल 104 में से 53 यानी 51% उम्मीदवार कुल पड़े वोटों की तुलना में 50% से कम मतों से जीते।
कुल सीटें | 12 मई को वोट पड़े | 50% से ज्यादा से जीते | 50% से कम से जीते |
224 | 222 | 99 | 123 |
दल | कुल उम्मीदवार जीते | 50% से कम वोटों से जीते | प्रतिशत |
भाजपा | 104 | 53 | 51 |
कांग्रेस | 78 | 48 | 61 |
जेडीएस | 38 | 19 | 50 |
केपीजेपी | 1 | 1 | 100 |
बीएसपी | 1 | 1 | 100 |
अापराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जीत का अंतर
- अापराधिक पृष्ठभूमि वाले 77 उम्मीदवार जीते। इनमें से 49 ने उन प्रत्याशियों के खिलाफ जीत हासिल की, जिनकी पृष्ठभूमि साफ थी। इन 49 में 12 उम्मीदवार 20% से ज्यादा वोटों से जीते। इसके अलावा भाजपा उम्मीदवार अश्वत नारायण ने 44% वोटों से जीत हासिल की।
करोड़पति उम्मीदवारों का क्या रहा हाल?
- 215 करोड़पति उम्मीदवारों को जीत मिली। इनमें से 18 ने ऐसे प्रत्याशियों के खिलाफ जीत हासिल की, जो करोड़पति नहीं थे। कांग्रेस के उम्मीदवार और सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र एस 33% वोट से जीते।
दोबारा चुने गए विधायकों में 94 ने 32% से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की
- पिछली बार के विधायकों में चुने गए कुल में से 94 उम्मीदवार 32% से ज्यादा वोट से जीते।
- इनमें से 45 यानी 48% विधायक 50% से ज्यादा वोट से जीत हासिल की।
- 21 विधायक 5 % से कम वोटों से जीते हैं। वहीं, 7 का जीत प्रतिशत 30 % रहा।
नोटा को 3 लाख से ज्यादा लोगों ने चुना
- नोटा को 2018 में 3,22,841 लोगों ने चुना। नोटा में पड़े कुल वोट के 22% वोट 55 रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्रों में दिए गए। रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र वे थे, जिनमें 3 और इससे ज्यादा उम्मीदवारों पर अापराधिक मुकदमे थे।