Lok Sabha Election 2024: एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि वर्ष 2004 से 2019 के बीच पुन:निर्वाचित नौ सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर अपराध घोषित किये हैं। चुनाव संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी साझा की। नीचे देखें आंकड़े।
इन सांसदों पर हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित आरोप
एडीआर और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के विश्लेषण से पता चला है कि 12 में से नौ सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित आरोप शामिल हैं। इसमें कहा गया कि पुन:निर्वाचित 23 सांसदों में से 52 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 39 फीसदी सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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— ADR India & MyNeta (@adrspeaks) February 22, 2024
कितने सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए
इस रिपोर्ट में पार्टी वार आंकड़े भी पेश किये गये हैं। इसमें कहा गया, 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 17 पुनः निर्वाचित सांसदों में से सात (41 प्रतिशत), कांग्रेस के तीन पुनः निर्वाचित सांसदों (100 प्रतिशत), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक पुनः निर्वाचित सांसद (100 प्रतिशत) और शिवसेना के एक पुन: निर्वाचित सासंद (100 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार ऐसे पुनः निर्वाचित सांसद जिनकी संपत्ति में सर्वाधिक वृद्धि हुई उनमें जे. रमेश चंदप्पा, मेनका संजय गांधी और राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है, ऐसे में ऐसे सांसद जिसके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें इस बार टिकट मिलने में मुश्किल हो सकती है।