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Source
Amar Ujala
https://www.amarujala.com/photo-gallery/india-news/national-parties-declare-assets-worth-rs-8-829-cr-in-2021-22-adr-2023-09-04?pageId=3
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चुनाव अधिकार निकाय 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2021-22 में आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति 8,829.16 करोड़ रुपये थी, जो 2020-21 के दौरान 7,297.62 करोड़ रुपये थी। चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह ने अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, बसपा, भाकपा, माकपा, टीएमसी और एनपीईपी द्वारा घोषित संपत्तियों और देनदारियों का विश्लेषण किया है।

भाजपा की संपत्ति में 21.17 फीसदी की वृद्धि
एडीआर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 4,990 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो 2021-22 में  21.17 फीसदी बढ़कर 6,046.81 करोड़ रुपये हो गई। वहीं, 2020-21 में कांग्रेस की घोषित संपत्ति 691.11 करोड़ रुपये थी, जो 2021-22 में 16.58 फीसदी बढ़कर 805.68 करोड़ रुपये हो गई।

बसपा की घोषित वार्षिक संपत्ति में गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जिसने अपनी वार्षिक घोषित संपत्ति में कमी दिखाई है। 2020-21 और 2021-22 के बीच बसपा की कुल संपत्ति 732.79 करोड़ रुपये से 5.74 फीसदी घटकर 690.71 करोड़ रुपये हो गई। एडीआर ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की कुल संपत्ति 2020-21 में 182.001 करोड़ रुपये से बढ़कर 458.10 करोड़ रुपये हो गई, जो 151.70 फीसदी की वृद्धि है।

देनदारियों के साथ शीर्ष पर कांग्रेस
एडीआर ने कहा कि राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कुल देनदारियां 103.55 करोड़ रुपये थीं। कांग्रेस ने 71.58 करोड़ रुपये की देनदारियों की घोषणा की, जो सबसे अधिक है, इसके बाद माकपा ने 16.109 करोड़ रुपये की देनदारियों की घोषणा की। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कांग्रेस फिर से 41.95 करोड़ रुपये की देनदारियों के साथ शीर्ष पर थी, इसके बाद माकपा और भाजपा ने क्रमश: 12.21 करोड़ रुपये और 5.17 करोड़ रुपये की देनदारियों की घोषणा की। 2020-21 और 2021-22 के बीच पांच दलों ने देनदारियों में कमी की घोषणा की।

राकांपा की देनदारियों में एक लाख रुपये की कमी
कांग्रेस ने अपनी देनदारियों में 29.63 करोड़ रुपये, भाजपा ने 6.03 करोड़ रुपये, माकपा ने 3.89 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस ने 1.30 करोड़ रुपये और राकांपा ने एक लाख रुपये की कमी की घोषणा की है। एडीआर ने कहा कि देनदारियों के समायोजन के बाद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान राष्ट्रीय दलों द्वारा अलग रखी गई कुल पूंजी/आरक्षित निधि 7,194 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8,766 करोड़ रुपये थी।

भाजपा ने घोषित की सबसे अधिक पूंजी
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भाजपा ने 6,041.64 करोड़ रुपये के साथ सबसे अधिक पूंजी घोषित की। कांग्रेस और माकपा ने क्रमश: 763.73 करोड़ रुपये और 723.56 करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त वर्ष 2021-22 में नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 1.82 करोड़ रुपये का फंड घोषित किया, जो सबसे कम है, इसके बाद भाकपा ने अपने खजाने में 15.67 करोड़ रुपये होने की घोषणा की।

ICAI के दिशानिर्देशों का पालन करने विफल रहे दल
एडीआर ने कहा कि राष्ट्रीय दल 'इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' (आईसीएआई) के दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहे। यह दलों को उन वित्तीय संस्थानों, बैंकों या एजेंसियों के विवरण घोषित करने का निर्देश देती हैं, जिनसे ऋण लिया गया था। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पार्टियों को एक साल, 1-5 साल या 5 साल के बाद देय तारीख के आधार पर 'सावधि ऋण के पुनर्भुगतान की शर्तों' को बताना चाहिए।


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