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महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों का सामना कर रहे सांसदों के संदर्भ में भाजपा में सर्वाधिक 21 ऐसे सांसद है, उसके बाद कांग्रेस 16 ऐसे सांसदों के साथ दूसरे नंबर पर और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सात ऐसे सांसदों के साथ तीसरे नंबर पर है। एसोसएिशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने यह बात कही...

नई दिल्ली: महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों का सामना कर रहे सांसदों के संदर्भ में भाजपा में सर्वाधिक 21 ऐसे सांसद है, उसके बाद कांग्रेस 16 ऐसे सांसदों के साथ दूसरे नंबर पर और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सात ऐसे सांसदों के साथ तीसरे नंबर पर है। एसोसएिशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने यह बात कही है। उसने यह भी कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से संबंधित मामलों के सिलसिले में लोकसभा में जहां 2009 में दो ऐसे सांसद थे वहीं 2019 में ऐसे सांसदों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। 

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एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है,‘तीन ऐसे सांसद और छह ऐसे विधायक हैं जिन्होंने बलात्कार से जुड़े मामले घोषित किए हैं। पिछले पांच सालों में मान्यता प्राप्त दलों ने 41 उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिन्होंने बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किए थे।' पिछले पांच सालों में भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से जूझ रहे 66 उम्मीदवारों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। कांग्रेस ने 46 ऐसे उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी ने 40 ऐसे उम्मीदवार उतारे। 

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एडीआर और नेशनल इलेक्शन वाच ने कहा कि उसने वर्तमान 759 सांसदों और 4063 विधायकों के 4,896 चुनावी हलफनामों में से 4822 का विश्लेषण किया। रिपोर्ट कहती है कि इस अवधि के दौरान महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामले वाले लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की संख्या 38 से बढ़कर 126 हो गई यानी ऐसे उम्मीदवार 231 फीसद बढ़ गए। 

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पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक ऐसे 16 सांसद/विधायक है जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले होने की घोषणा की। उसके बाद ओडिशा और महाराष्ट्र आते हैं जहां ऐसे 12-12 सांसद/विधायक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले पांच सालों में कुल 572 ऐसे उम्मीदवारों ने लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उनमें से भी अदालत में दोषी नहीं ठहराया गया है।'