ADR: एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश भर की राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदा विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। यह डेटा विधायकों द्वारा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दाखिल किए गए हलफनामों से निकाला गया है।
ADR: हमारे देश में जनप्रतिनिधियों की माली हालत की एक तस्वीर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने पेश की है जो बताती है कि मौजूदा विधायकों की औसत संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये है। ये वह संपत्ति है जो जनता के प्रतिनिधियों ने अपने हलफनामों में बताई है। जिन मौजूदा 4001 विधायकों का विश्लेषण किया गया उनकी कुल संपत्ति 54,545 करोड़ रुपए है। नागालैंड, मिजोरम और सिक्किम के 2023-24 के कुल वार्षिक बजट को मिला दें तो उसकी राशि 49,103 करोड़ रुपये बैठती है, यानी विधायकों की दौलत तीन-तीन राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा है।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश भर की राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदा विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। यह डेटा विधायकों द्वारा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दाखिल किए गए हलफनामों से निकाला गया है। यह विश्लेषण 28 राज्य विधानसभाओं और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 4033 में से कुल 4001 विधायकों का किया गया है। इस रिपोर्ट में 84 राजनीतिक दलों के 4001 मौजूदा विधायकों और निर्दलीय विधायकों को शामिल किया गया है।
विधायकों की औसत संपत्ति
विश्लेषण के अनुसार, राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति मौजूदा विधायक की औसत संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये है। प्रमुख दलों के पार्टी-वार विधायकों की औसत संपत्ति की बात करें तो विश्लेषण किए गए 1356 भाजपा विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति रु. 11.97 करोड़, 719 कांग्रेस विधायकों की 21.97 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस के 227 विधायकों की 3.51 करोड़ रुपये, आम आदमी पार्टी के 161 विधायकों की 10.20 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी के 146 विधायकों की औसत संपत्ति 23.14 करोड़ रुपये है।
4001 मौजूदा विधायकों की कुल संपत्ति रु. 54,545 करोड़ रुपये है। यह राशि 3 राज्यों - नागालैंड, मिजोरम और सिक्किम के 2023-24 के कुल वार्षिक बजट 49,103 करोड़ रुपये से अधिक है। नागालैंड का वार्षिक बजट 2023-24 23,086 करोड़ रुपये, मिजोरम का 14,210 करोड़ रुपये और सिक्किम का 11,807 करोड़ रुपये है।
मौजूदा विधायकों की पार्टीवार कुल संपत्ति की बात करें तो भाजपा के 1356 विधायकों की कुल संपत्ति 16,234 करोड़ रुपये पाई गयी। विश्लेषण किए गए 719 कांग्रेस विधायकों की 15,798 करोड़ रुपये, 146 वाईएसआरसीपी विधायकों की 3,379 करोड़ रुपये, 131 द्रमुक विधायकों की 1,663 करोड़ रुपये और 161 ‘आप’ विधायकों की कुल संपत्ति 1,642 करोड़ रुपये है।
भाजपा और कांग्रेस के वर्तमान विधायकों की कुल संपत्ति क्रमशः 16,234 करोड़ रुपये और 15,798 करोड़ रुपये यानी 32 032 करोड़ रुपए है जो 84 राजनीतिक दलों के सिटिंग विधायकों और निर्दलीय विधायकों की कुल संपत्ति 54,545 करोड़ रुपये का 58.73 फीसदी है।
मौजूदा भाजपा और कांग्रेस विधायकों की कुल संपत्ति क्रमशः 16,234 करोड़ रुपये और 15,798 करोड़ रुपये है, जो मिजोरम के 2023-24 के वार्षिक बजट 14,210 करोड़ रुपये और सिक्किम के बजट 11,807 करोड़ रुपये से अधिक है।
सबसे अमीरी कर्नाटक में
कर्नाटक से विश्लेषण किए गए 223 विधायकों की कुल संपत्ति 14,359 करोड़ रुपये है, जो मिजोरम और सिक्किम के व्यक्तिगत वार्षिक बजट 2023-24 से अधिक है। यह भारत भर के सभी मौजूदा विधायकों की कुल संपत्ति 54,545 करोड़ रुपये का 26 फीसदी है। यह राजस्थान, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, मेघालय, ओडिशा, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, उत्तराखंड, केरल, पुडुचेरी, झारखंड, सिक्किम के मौजूदा विधायकों की संयुक्त संपत्ति से भी अधिक है। इन 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा विधायकों की कुल संयुक्त संपत्ति 13,976 करोड़ रुपये है। इसके बाद महाराष्ट्र से विश्लेषण किए गए 284 विधायकों की कुल संपत्ति 6,679 करोड़ रुपये है और आंध्र प्रदेश से विश्लेषण किए गए 174 विधायकों की कुल संपत्ति 4,914 करोड़ रुपये है।
विधायकों की सबसे कम कुल संपत्ति वाला राज्य त्रिपुरा है जहाँ विश्लेषण किए गए 59 विधायकों की कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपये है, इसके बाद मिजोरम से विश्लेषण किए गए 40 विधायकों की कुल संपत्ति 190 करोड़ रुपये है और मणिपुर के 60 विधायकों की कुल संपत्ति 225 करोड़ रुपये है।