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Source
नव प्रदेश
https://navpradesh.com/adr-report-out-of-8054-candidates-contesting-elections-in-five-states-959-candidates-have-serious-criminal-cases-and-22-have-murder-cases-against-them/
Author
navpradesh
Date
City
New Delhi/Raipur

ADR report: देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव लड़ रहे 8054 प्रत्याशियों का एडीआर ने गहन विश्लेषण कर जानकारी उपलब्ध कराई है। जिसमें 1452 (18 प्रतिशत) उम्मीद्वारों पर क्रिमीनल केस दर्ज है। 959 (12 प्रतिशत) उम्मीद्वारों पर सिरियस क्रिमीनल केस दर्ज है। 2371 (29 प्रतिशत) उम्मीद्वार करोड़पति है। 3.36 करोड़ उम्मीद्वारों की औसत संपत्ति दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में लडऩे वाले 8054 उम्मीदवारों में से 8051 के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। इस रिपोर्ट के निर्माण के समय ईसीआई वेबसाइट पर अस्पष्ट हलफनामे उपलब्ध होने के कारण छत्तीसगढ़ के 3 उम्मीदवारों का विश्लेषण नहीं किया गया। विश्लेषण किए गए 8051 उम्मीदवारों में से 2117 राष्ट्रीय दलों से हैं, 537 राज्य दलों से हैं, 2051 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से हैं और 3346 उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

राज्य कुल चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार विश्लेषित अभ्यर्थियों की कुल संख्या
मिजोरम 174 174
छत्तीसगढ 1181 1178
मध्य प्रदेश 2534 2534
राजस्थान Rajasthan 1875 1875
तेलंगाना 2290 2290
कुल 8054 8051

तालिका: राज्यवार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का विवरण
दल कुल चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार विश्लेषित अभ्यर्थियों की कुल संख्या घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत जिन उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत करोड़पतियों की संख्या करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत
राष्ट्रीय पार्टियाँ 2117 2117 656 31% 404 19% 1372 65%
राज्य पार्टियाँ 537 537 154 29% 100 19% 277 52%
पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टी 2053 2051 252 12% 184 9% 243 12%
स्वतंत्र 3347 3346 390 12% 271 8% 479 14%
कुल 8054 8051 1452 18% 959 12% 2371 29%

आपराधिक पृष्ठभूमि

  • आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार :
  • विश्लेषण किए गए 8051 उम्मीदवारों में से 1452 (18प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं ।
  • गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार :
  • 959 (12 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
  • हत्या से संबंधित घोषित मामले वाले उम्मीदवार :
  • 22 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी धारा-302, 303) से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
  • हत्या के प्रयास से संबंधित घोषित मामलों वाले उम्मीदवार :
  • 82 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित घोषित मामलों वाले उम्मीदवार :
  • 107 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 107 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है। वहीं पांचों राज्यों में अपराधिक मामलों का प्रतिशत। मिज़ोरम 3 से 10 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ 5 से 30 प्रतिशत, -मध्य प्रदेश 12 से 53 प्रतिशत, राजस्थान 6 से 72 प्रतिशत, तेलंगाना 24 से 72 प्रतिशत।

5 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 में उम्मीदवारों के चयन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी परंपरा को फिर से अपना लिया है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 में लडऩे वाले सभी प्रमुख दलों ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 के अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि वे ऐसे चयन के लिए कारण बताएं और बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है। इन अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसे चयन का कारण संबंधित उम्मीदवार की योग्यता, उपलब्धियों और योग्यता के संदर्भ में होना चाहिए, न कि केवल जीतने की क्षमता के भरोसे पर टिकट देना।

हाल ही में 2023 में हुए 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान, यह देखा गया कि राजनीतिक दलों ने व्यक्ति की लोकप्रियता, अच्छे सामाजिक कार्य करना, मामले राजनीति से प्रेरित होना आदि जैसे निराधार और निराधार कारण बताए। ये उम्मीदवार खड़ा करने के लिए ठोस और ठोस कारण नहीं हैं। दागदार पृष्ठभूमि यह डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राजनीतिक दलों को चुनावी प्रणाली में सुधार करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमारा लोकतंत्र कानून तोडऩे वालों के हाथों में जाने से कोई नहीं रोक सकता।

स्व-घोषित आपराधिक मामलों वाले राज्यवार उम्मीदवार

चित्र: आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का राज्यवार प्रतिशत

क्र.सं. राज्य विश्लेषण किये गये अभ्यर्थियों की कुल संख्या घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत
1 मिजोरम 174 7 4% 7 4%
2 छत्तीसगढ 1178 126 11% 72 6%
3 मध्य प्रदेश 2534 472 19% 291 11%
4 राजस्थान Rajasthan 1875 326 17% 236 13%
5 तेलंगाना 2290 521 23% 353 15%
कुल 8051 1452 18% 959 12%
तालिका: आपराधिक मामलों वाले राज्यवार उम्मीदवार

स्व-घोषित आपराधिक मामलों वाले पार्टीवार उम्मीदवार

चित्र: पार्टीवार आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत

दल का नाम विश्लेषण किए गए उम्मीदवारों की कुल संख्या घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार घोषित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत जिन उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का प्रतिशत
कांग्रेस 677 268 40% 162 24%
बी जे पी 654 224 34% 129 20%
स्वतंत्र 3346 390 12% 271 8%
बसपा 532 77 14% 54 10%
बीआरएस 119 57 48% 34 29%
एएपी 210 60 29% 40 19%
एमएनएफ 40 1 3% 1 3%
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 78 28 36% 24 31%
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) 77 14 18% 6 8%
सपा 98 24 24% 16 16%
आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) 137 33 24% 25 18%
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक 48 12 25% 8 17%
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी 75 15 20% 11 15%
सीपीआई (एम) 44 27 61% 19 43%
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

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