भाजपा के 90 में से 10 सदस्यों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 28 में से 9, टीएमसी के 13 में से 3, राजद के छह में से 2, माकपा के 5 में से 2 सदस्यों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
राज्यसभा के 225 मौजूदा सदस्यों में से 33 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। इनमें से 18 प्रतिशत के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास समेत गंभीर आपराधिक मामले हैं। उच्च सदन के मौजूदा इन सदस्यों की कुल संपत्ति 19,602 करोड़ रुपये है। इनमें से 14 प्रतिशत यानी 31 सदस्य अरबपति हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रीफॉर्म (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने चुनाव आयोग को सौंपे हलफनामे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार हलफनामे में चार सदस्यों ने बताया है कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। जिन 225 सदस्यों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है उनमें से 75 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों और 40 ने गंभीर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है। कांग्रेस के 28 सांसदों में से 14, तृणमूल कांग्रेस के 13 में से पांच, राजद के छह में से चार, माकपा के पांच में से चार यानी 80 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी के 10 में से तीन सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। वाईएसआरसीपी के 11 में चार सदस्यों और द्रमुक के 10 में से दो सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
भाजपा के 10 सदस्यों पर गंभीर मामले
भाजपा के 90 में से 10 सदस्यों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 28 में से 9, टीएमसी के 13 में से 3, राजद के छह में से 2, माकपा के 5 में से 2 सदस्यों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। आप का 10 में से एक सांसद पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज है। वाईएससीआरपी के 11 में से 3 सदस्यों और द्रमुक के 10 में से एक सदस्य पर इस श्रेणी में मामला दर्ज हैं।