Source: 
Aaj Tak
https://www.aajtak.in/india/news/story/national-parties-collected-15-077-rupees-from-unknown-sources-adr-report-ntc-1526562-2022-08-28
Author: 
आशुतोष मिश्रा
Date: 
28.08.2022
City: 
New Delhi

ADR Report: एडीआर की रिपोर्ट का विश्लेषण पार्टियों द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न (ITR) और भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के समक्ष चंदे के संबंध में दायर हलफनामे पर आधारित है. इससे पता चला है कि वित्त वर्ष 2004-05 से 2020-21 के बीच देश के राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से कितना चंदा हासिल हुआ. रिपोर्ट में पता चला कि राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस के बाद बीजेपी आय का स्रोत छिपाने में आगे है जबकि क्षेत्रीय पार्टियों में YSR कांग्रेस आगे है.

ADR Report: देश के राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2004-05 से 2020-21 के बीच अज्ञात स्रोतों से 15,077 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा जुटाया है. चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने इस बात का दावा किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक 8 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने अज्ञात स्रोतों से 426.742 करोड़ रुपये जुटाए जबकि 27 क्षेत्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से 263.928 करोड़ रुपये मिले हैं. संस्था के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में कांग्रेस ने अज्ञात स्रोतों से 178.782 करोड़ रुपये हासिल होने का खुलासा किया है, जो राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से प्राप्त कुल धनराशि का 41.89 फीसदी है.

एडीआर के अनुसार, भाजपा ने अज्ञात स्रोतों से आय के रूप में 100.502 करोड़ रुपये घोषित किए हैं, जो राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से प्राप्त कुल धनराशि का 23.55 फीसदी है.

क्षेत्रीय दलों में YSR कांग्रेस को मिला सबसे ज्यादा चंदा

संस्था ने बताया कि अज्ञात स्रोतों से सबसे ज्यादा धनराशि हासिल करने वाले पांच शीर्ष क्षेत्रीय दलों में वाईएसआर-कांग्रेस (96.2507 करोड़), द्रमुक (80.02 करोड़), बीजद (67 करोड़), मनसे 5.773 करोड़ रुपये और आप (5.4 करोड़) शामिल हैं.

एडीआर के मुताबिक, 2020-21 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से हासिल कुल 690.67 करोड़ रुपये में से 47.06 प्रतिशत राशि चुनावी बांड से मिली थी. संस्था ने कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 से 2020-21 के बीच कांग्रेस और NCP ने कूपन की बिक्री से कुल 4,261.83 करोड़ रुपये का चंदा जुटाया.

सात राजनीतिक दलों की ऑडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी

एडीआर के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सात राजनीतिक दलों की ऑडिट और चंदा रिपोर्ट में कई विसंगतियां हैं. इन दलों में टीएमसी, भाकपा, आप, शिअद, केरल कांग्रेस (एम), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) और अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (एआईयूडीएफ) शामिल हैं. जाचं में ज्यादातर केसों में पार्टियों द्वारा 20 हजार रुपये से ज्यादा की दिखाई गई दान की रिपोर्ट से मेल नहीं खाती नहीं पाई गई.

36% से ज्यादा के फंड का पता लगा पाना मुश्किल

मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति या संगठन किसी राजनीतिक पार्टी को 20 हजार रुपये से कम का चंदा चुनावी बांड के जरिए देता है तो, उसकी पहचान उजागर करना जरूरी नहीं होता है. ऐसे में 36 फीसदी से ज्यादा फंड के स्रोत का पता नहीं लगाया जा सकता.

जून 2013 में सीआईसी के फैसले के बाद राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को आरटीआई अधिनियम के तहत शामिल कर लिया गया था लेकिन ये दल अभी भी इस फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं.

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