ADR Report: एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स. यह एक गैर-सियासी, गैर-पक्षपातपूर्ण और गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी.
चुनावी और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करने वाले गैर-सियासी, गैर-पक्षपातपूर्ण और गैर-लाभकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से आम चुनाव 2024 को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है. एडीआर की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि लोकसभा इलेक्शन में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में विसंगति है. आइए, जानते हैं इस बारे में:
लोकसभा चुनाव 2024 में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में विसंगति है. यह बड़ा दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से विश्लेषण के आधार पर किया गया है. हालांकि, इस मामले पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार है.
एडीआर ने 29 जुलाई, 2024 को बताया कि 362 क्षेत्रों में वोटों की तुलना में कुल 5,54,598 वोट कम गिने गए, जबकि 176 क्षेत्रों में डाले गए वोट की तुलना में कुल 35,093 मत अधिक गिने गए. एडीआर ने यह साफ नहीं किया कि वोटों में इस अंतर की वजह से कितनी सीट पर अलग परिणाम सामने आते.
रिपोर्ट में कहा गया कि निर्वाचन आयोग मतगणना पर अंतिम और प्रामाणिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने, ईवीएम में डाले गए मतों और गिने गए मतों में अंतर, मत प्रतिशत में वृद्धि, डाले गए मतों के आंकड़े संख्या में न देने, डाले गए मतों के आंकड़े को जारी करने में अनुचित देरी और वेबसाइट से कुछ डेटा को हटाने का कोई उचित स्पष्टीकरण देने में अब तक फेल रहा है.
एडीआर के संस्थापक के अनुसार, "लोकसभा चुनाव 2019 और आम चुनाव 2024 में हुए उल्लंघन, अवैधता और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं का समाधान करने और उनके खिलाफ उचित कदम उठाने में निर्वाचन आयोग फेल रहा है, जिससे मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा हुईं. इन्हीं का गंभीरता से हल किया जाना चाहिए और उन्हें दूर किया जाना चाहिए."
रिपोर्ट के मुताबिक, अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर आम चुनाव के परिणामों में 538 क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में विसंगतियां सामने आईं. एडीआर की रिपोर्ट में आगे यह भी बताया गया, "सूरत सीट पर मुकाबला नहीं था, इसलिए 538 सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है."
17वें आम चुनाव में इलेक्शन के पहले छह चरणों के लिए ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ पर मतदाताओं की सही संख्या दिखाई गई थी. हालांकि, आखिरी चरण के मतदान में केवल प्रतिशत में आंकड़े दिए गए थे और निर्वाचन आयोग ने पिछले डेटा को हटा दिया गया था.
विशेषज्ञों और एडीआर टीम की ओर से की गई स्टडी की मानें तो कई निर्वाचन क्षेत्रों में वोटर्स की संख्या और गिने गए मतों की संख्या के बीच गंभीर विसंगतियां मिली हैं. रिपोर्ट में आगे 2019 के चुनाव के बारे में कहा गया, "542 क्षेत्रों के मास्टर सारांश में 347 सीट पर विसंगतियां दिखाई दीं. 195 सीट में विसंगति नहीं थीं. विसंगतियां एक वोट (सबसे कम) से लेकर सबसे अधिक 101323 वोट (कुल मतों का 10.49 प्रतिशत) तक थीं."