एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और अरुणाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की है। इसमें चौंकाने वाला दावा किया गया है। बताया गया है कि पूर्वोत्तर राज्य में 23 उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं।
देश में इस वक्त चुनाव की सरगर्मी है। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक सात चरणों में लोकसभा के चुनाव होने हैं। वहीं, लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इस बीच, अरुणाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चुनावी मैदान में उतरे 23 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इतने प्रत्याशियों पर गंभीर अपराध
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और अरुणाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की है, जिसमें चौंकाने वाला दावा किया गया है। इसमें बताया गया है कि पूर्वोत्तर राज्य में जिन 23 उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं, उनमें से 20 पर गंभीर अपराध का आरोप है।
143 उम्मीदवार मैदान में
विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरे 143 उम्मीदवारों में से 142 के हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सागली निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार रातू तेची के हलफनामे का विश्लेषण नहीं किया जा सका। दरअसल, तेची का हलफनामा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर साफ-साफ उपलब्ध नहीं है।
राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों में, 184 उम्मीदवारों में से 29 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि 26 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे।
किस पार्टी के कितने उम्मीदवार
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषण किए गए 142 उम्मीदवारों में से 98 उम्मीदवार राष्ट्रीय दलों से हैं, 27 राज्य स्तरीय पार्टियों से हैं, चार पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से और 13 निर्दलीय हैं। 23 में से सत्तारूढ़ भाजपा के 11 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि कांग्रेस ने चार, एनसीपी ने तीन, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और अरुणाचल पीपुल्स पार्टी ने क्रमश: दो और एक निर्दलीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। जिन उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं, उनमें भाजपा के नौ, कांग्रेस के चार, एनसीपी के तीन, पीपीए के दो और एनपीपी के दो उम्मीदवार शामिल हैं।