छत्तीसगढ़ विधानसभा 2023 का चुनाव फिर से लड़ रहे 66 विधायकों में से 60 विधायकों की संपत्ति में 2018 की तुलना में पांच प्रतिशत से लेकर 3,340 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संपत्ति में 10.33 करोड़ रुपये (45 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में फिर से चुनाव लड़ रहे 66 विधायकों के स्व-शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है।
मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा चुनाव लड़ रहे 66 विधायकों में से 60 विधायकों (91 फीसदी) की परिसंपत्ति 5 फीसदी से लेकर 3,340 फीसदी तक बढ़ गई है, और छह विधायकों (9 फीसदी) की परिसंपत्ति माइनस 4 फीसदी से माइनस 35 फीसदी तक घट गई है। साल 2018 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 66 विधायकों की औसत परिसंपत्ति 12.98 करोड़ रुपये थी, जो 2023 में 13.74 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट के अनुसार, “छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 और 2023 के बीच इन 66 दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की औसत परिसंपत्ति वृद्धि 76.45 लाख रुपये है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 66 विधायकों की परिसंपत्ति में औसत प्रतिशत वृद्धि 6 प्रतिशत है। तखतपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक रश्मि आशीष सिंह ने परिसंपत्ति में अधिकतम 12.70 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की है, यानी 2018 में 8.73 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 21.44 करोड़ रुपये हो गई है।
जबकि आरंग (एससी) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के शिवकुमार डहरिया की परिसंपत्ति 10.99 करोड़ रुपये बढ़ गई है। जो 2018 में 2.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 13.37 करोड़ रुपये हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल की संपत्ति 10.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जो 2018 में 23.05 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 33.38 करोड़ रुपये हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बघेल की संपत्ति में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है।