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इलेक्शन वॉच (election watch) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (Association for Democratic Reform) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 में से 396 वर्तमान विधायकों के वित्तीय, आपराधिक एवं अन्य विवरणों का विश्लेषण किया। वर्तमान विधानसभा में 7 सीटें रिक्त है। बीएसपी के विधायक लालजी वर्मा (BSP MLA Lalji Verma) और राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया। अब वे विधानसभा में असम्बद्ध सदस्य है। यह विश्लेषण 2017 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों पर आधारित है।

इस विश्लेषण में पाया गया कि 396 विधायकों में से 140 यानी 35 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज (Criminal cases against MLAs) हैं। 106 यानी 27 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अगर पार्टीवार बात करें तो बीजेपी (BJP) के 304 में से 106 विधायक, एसपी (SP) के 49 में से 18 विधायक एवं बीएसपी (BSP) के 18 में 2 विधायक एवं कांग्रेस (Congress) के 1 विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 में से 313 फ़ीसदी 79 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। जिनमें सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक बीजेपी के 304 में से 235 यानी 77 प्रतिशत है। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के 49 में से 42 यानी 86 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। वहीं तीसरे स्थान पर बीएसपी के 16 में से 15 विधायक करोड़पति हैं। कांग्रेस के 7 में से 5 विधायक करोड़पति हैं।

विधायकों की औसतन सम्पत्ति 5.85 करोड़ रुपये है। मुख्य दलों की बात करें तो बीजेपी की 304 विधायको की 5.04 करोड़ रुपये,समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 6.07 करोड़ रुपये, बीएसपी के 16 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 19.27 करोड़ रुपये एवं कांग्रेस के 7 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 10.06 करोड़ रुपये है। अगर बात करें सबसे ज्यादा सम्पत्ति वाले विधायकों की तो प्रथम स्थान बीएसपी के शाह आलम उर्फ गुडडू जामाली मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से जिनके पास कुल 118 करोड़ रुपये से ज्यादा की सम्पत्ति है । दूसरे नम्बर पर बीएसपी के विनयशंकर चिलुपर विधानसभा सीट से 67 करोड़ रुपये से ज्यादा एवं तीसरे स्थान पर बीजेपी के रानी पक्षालिका सिंह बाह विधानसभा से हैं। इनके पास 58 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति है।

अगर विधायकों की देनदारियों की बात की जाये तो 49 विधायकों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक घोषित की है। जिनमें प्रथम स्थान पर नंदगोपाल गुप्ता, इलाहाबाद साउथ सीट से 26 करोड़ रुपये एवं दूसरे स्थान पर ओम कुमार जो नेहतुर 11 करोड़ रुपये विधानसभा क्षेत्र के विधायक है वही तीरसे स्थान पर सिद्धार्थ नाथ सिंह इलाहाबाद वेस्ट विधानसभा से 9 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के 396 विधायकों में से 95 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 8वी से 12वी के बीच में घोषित की है। 290 विधायकों के द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा घोषित की है वही 4 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 5 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है। वही 25 से 50 वर्ष के बीच आयु के 206 विधायक एवं 190 विधायक 51 से 80 वर्ष के बीच के उत्तर प्रदेश विधानसभा में है साथ ही सदन में महिला 43 विधायक महिला है जो कुल विधायकों का 11 प्रतिशत है।