Source: 
Navbharat Times
Author: 
Date: 
09.02.2022
City: 
Lucknow

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर एडीआर की आई ताजा रिपोर्ट (ADR Report for UP Election) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का टेंशन बढ़ाने वाली है। एडीआर की ओर से विधानसभा चुनाव (UP Chunav) के दूसरे चरण में 55 विधानसभा सीटों पर नामांकन दर्ज कराने वाले 586 उम्मीदवारों में से 584 उम्मीदवारों के शपथ पत्र की समीक्षा की गई। इसमें जो मामला सामने आया है, वह चौंकाने वाला है। भले ही चुनाव आयोग से लेकर तमाम संस्थाएं चुनाव को अपराधियों से अलग करने की कोशिश करती दिखती है। लेकिन, पार्टियों का भरोसा अपराधियों पर ही दिखता है। 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से 147 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह कुल उम्मीदवारों का 25 फीसदी है। वहीं, 113 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह संख्या कुल उम्मीदवारों का 19 फीसदी है। चुनावी मैदान में 260 करोड़पति उम्मीदवार खड़े हैं। यह कुल उम्मीदवारों का करीब 45 फीसदी है। अगर चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति देखी जाए तो करीब 4.11 करोड़ रुपये औसत संपत्ति देखी गई है। मतलब, चुनावी मैदान में करोड़पतियों की धमक है। इलेक्शन वॉच और एडीआर की ओर से दो उम्मीदवारों कांठ विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजेश कुमार सिंह और जन अधिकार पार्टी के नर सिंह सैनी के शपथ पत्र स्पष्ट नहीं होने के कारण विश्लेषण नहीं किया गया।

113 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले
इलेक्शन वॉच और एडीआर ने शपथ पत्र के विश्लेषण के बाद बताया है कि उम्मीदवारों की ओर से घोषित किए गए आपराधिक मामलों में 584 में से 147 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 113 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। समाजवादी पार्टी इस मामले में सबसे आगे है। सपा के 67 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद पद आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकारी है। वहीं, 48 फीसदी उम्मीदवारों ने माना है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों में कांग्रेस का दूसरा स्थान
आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की सूची में कांग्रेस का दूसरा स्थान है। कांग्रेस (Congress) पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे 43 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकार की है। वहीं, 30 फीसदी उम्मीदवारों ने माना है कि उनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी है। बसपा के 36 फीसदी उम्मीदवारों ने माना है कि उनके ऊपर आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। वहीं, 27 फीसदी बसपा उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

चौथे स्थान पर है भारतीय जनता पार्टी
दूसरे चरण के चुनाव में किस्मत आजमा रहे भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के उम्मीदवार इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। भाजपा के 34 फीसदी उम्मीदवारों ने माना है कि उन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 21 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद पर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकारी है। राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के 33 फीसदी उम्मीदवारों ने आपराधिक और गंभीर आपराधिक दोनों मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है। वहीं, चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के 14 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक और 12 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात सामने आई है।

सपा के 35 तो बीजेपी के 18 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
समाजवादी पार्टी की ओर से दूसरे चरण की 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं। इसमें से 35 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी प्रकार कांग्रेस के 54 में से 23, बसपा के 55 में से 20, भाजपा के 53 में से 18, रालोद के 3 में से 1 और आप के 49 में से 7 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा के 52 में से 25 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस के 54 में से 16, बसपा के 55 में से 15, भाजपा के 53 में से 11, रालोद के 3 में से 1 और आप के 49 में से 7 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक उम्मीदवार धारा 302 के तहत हत्या, 18 उम्मीदवारों पर धारा 307 के तहत हत्या का प्रयास और 6 उम्मीदवारों पर महिलाओं पर अत्याचार का मामला दर्ज है।

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