नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के समय घोषित घोषणापत्र और हलफनामे बताते हैं कि 81 में से 41 नवनिर्वाचित विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड चुनाव के नतीजे सोमवार को घोषित किए गए। बीजेपी को सत्ता से हटाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने सत्ता पर कब्जा किया है।
'इंडिया टुडे' की खबर के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 30 में से 17 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि सभी कांग्रेस के 16 में से आठ विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 25 में से 11 भाजपा विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2014 के झारखंड चुनावों में 81 में से 55 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे।
जानकारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे और झामुमो नेता बबलू पांडे ने कहा कि एक व्यक्ति को उसके या उसके दोषी होने तक चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
इस बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के राज्य संयोजक ने कहा कि झारखंड के लोग इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि उनके प्रतिनिधियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है।
एडीआर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में 81 में से 53 विधायक चुनाव में करोड़पति हैं। सूची में प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर ओरन, भाजपा के भानु प्रताप शाही और कई अन्य हैं।
गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं और 30 सीटों के साथ जेएमएम सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है। 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे।