एडीआर ने देश के मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता का व्यापक विश्लेषण किया गया है. इस रिपोर्ट में 71 मंत्रियों की समीक्षा की गई है और उनकी शैक्षिक उपलब्धियों की महत्वपूर्ण प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला गया है.
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई मंत्रिपरिषद के 71 मंत्रियों में से ग्यारह ने अपनी शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा घोषित की है, जबकि 57 मंत्रियों ने स्नातक या उससे अधिक शैक्षिक योग्यता रखने की जानकारी दी है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) की एक हालिया रिपोर्ट में भारतीय मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता का व्यापक विश्लेषण किया गया है, जिससे देश के राजनीतिक नेतृत्व के बीच शैक्षणिक पृष्ठभूमि की विविधता का पता चलता है.
रिपोर्ट में 71 मंत्रियों की समीक्षा की गई है तथा शैक्षिक उपलब्धि में महत्वपूर्ण प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला गया है. विश्लेषण से पता चलता है कि 15 प्रतिशत मंत्रियों ( 71 में से 11) ने अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा घोषित की है. इसके विपरीत, अधिकांश मंत्रियों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है.
80 फीसदी मंत्री कम से कम स्नातक
रिपोर्ट से पता चला है कि 80 प्रतिशत मंत्री, यानी कुल 57 मंत्री स्नातक स्तर या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता रखते हैं. इस समूह को आगे कई श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो उन्नत शिक्षा के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है.
विशेष रूप से, 14 मंत्रियों ने स्वयं को स्नातक घोषित किया है तथा उनके पास विश्वविद्यालय की बुनियादी डिग्री है. इसके अतिरिक्त 10 मंत्रियों के पास कानून, इंजीनियरिंग या चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट शिक्षा जैसी व्यावसायिक स्नातक डिग्री है.
उच्च शिक्षित मंत्रियों में सबसे बड़ा उपसमूह स्नातकोत्तर डिग्रीधारी मंत्रियों का है, जिनकी संख्या 26 है.
इनके अलावा तीन मंत्री डिप्लोमा धारक हैं. इन मंत्रियों ने व्यावसायिक या तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने वाले विशेष कार्यक्रम पूरे किए हैं.