मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विधानसभा चुनाव के 2534 उम्मीदवारों की आपराधिक रिकॉर्ड की रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार चुनाव में 472 यानी 19 प्रतिशत उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विधानसभा चुनाव के 2534 उम्मीदवारों की आपराधिक रिकॉर्ड की रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार चुनाव में 472 यानी 19 प्रतिशत उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
यह स्थिति तब है जब सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों को विशेष रूप से आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने व साफ छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने के कारण बताने का निर्देश दे चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 17% उम्मीदवार दागी और 11 फीसदी पर गंभीर अपराध दर्ज - मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 17% उम्मीदवार दागी और 11 फीसदी पर गंभीर अपराध दर्ज थे। इस साल भी 11 फीसदी पर ही गंभीर आपराधिक प्रकरण हैं।
हत्या, हत्या का प्रयास से जुड़े और महिलाओं पर अत्याचार जैसे संगीन प्रकरण- दागियों को टिकट देने में प्रमुख राजनैतिक दलों में कांग्रेस सबसे आगे है। उसने गंभीर अपराधों वाले 61 प्रत्याशी उतारे। भाजपा ने ऐसे 23 को टिकट दिया है। आप ने 18 वे बसपा ने 16 दागी उतारे हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास से जुड़े और महिलाओं पर अत्याचार जैसे संगीन प्रकरण हैं।
2020 में सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को विशेष रूप से राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने व साफ छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने के कारण बताने का निर्देश दिया था। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे चयन का कारण उम्मीदवार की योग्यता, उपलब्धियों और योग्यता होनी चाहिए।