kolkata doctor rape murder case: कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर से रेप पर देशभर में गुस्सा है. इसी बीच ADR की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिनसे पता चलता है कि 151 सांसदों, विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं.16 पर तो रेप के आरोप भी लगे हैं.
सांसद-विधायक इसलिए होते हैं, ताकि वे लोगों की बात सरकार तक पहुंचाएं. पब्लिक की सुरक्षा के लिए नीतियां बनाएं. हर कदम पर उनकी मदद करें. लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि देश के 151 मौजूदा सांसदों-विधायकों पर महिलाओं के साथ बर्बरता के गंभीर आरोप हैं. किसी पर छेड़छाड, तो किसी पर हत्या, किसी पर मारपीट तो किसी पर अभद्रता का केस दर्ज है. इन लोगों ने खुद अपने चुनावी हलफनामे में ये बात कही है. गौर करने वाली बात है कि इनमें पश्चिम बंगाल के सांसदों और विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर हत्याकांड के बीच एडीएआर की ये रिपोर्ट डराने वाली है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव में जीते 4,693 सांसदों-विधायकों के हलफनामे की पड़ताल की. इनमें 16 सांसद और 135 विधायक ऐसे मिले, जिनपर महिलाओं के साथ रेप करने का आरोप है. इनमें 25 एमपी-एमएलए अकेले पश्चिम बंगाल के हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश के 21 और ओडिशा के 17 सांसद-विधायक हैं. यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है, जब कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या और ठाणे में दो बच्चियों के साथ शर्मनाक हरकत की वजह से देशभर में उबाल है.
कम से कम 10 साल की सजा संभव
ADR की रिपोर्ट बताती है कि 16 सांसद और विधायक ऐसे हैं, जिनपर रेप का मामला दर्ज है. अगर उन पर ये आरोप साबित हो जाए तो कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. यहां तक कि इन्हें उम्रकैद भी मिल सकती है. इनमें से 2 सांसद और 14 विधायक हैं. कुछ नेता तो ऐसे भी हैं, जिन पर एक ही महिला के साथ बार-बार बर्बरता करने के आरोप लगे हैं.
बीजेपी-कांग्रेस दोनों में ऐसे नेता
सबसे ज्यादा बीजेपी के 54 सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के केस दर्ज हैं. इसके बाद कांग्रेस के 23 और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के 17 सांसद-विधायक हैं. बीजेपी-कांग्रेस दोनों के 5-5 एमपी-एमएलए ऐसे हैं, जिन पर महिलाओं से रेप के आरोप लगे हैं. एडीआर का कहना है कि अगर चुनाव सुधार करना चाहिए तो सबसे पहले क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले नेताओं को टिकट देने से बचना होगा. खासकर, उन लोगों को तो बिल्कुल भी टिकट नहीं देना चाहिए, जिन पर रेप जैसे गंभीर आरोप लगे हों. इनके खिलाफ मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए.