नई दिल्ली। विशेष संवाददाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के मंत्रियों...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के मंत्रियों ने मंगलवार को पदभार संभालने के बाद अपना-अपना कामकाज शुरू कर दिया है। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल 39 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं, एडीआर ने कहा है कि 99 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 107 करोड़ रुपये हैं।
भारतीय राजनीति और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संगठन एडीआर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल 72 में से 71 मंत्रियों के शैक्षणिक, आर्थिक, आपराधिक और उम्र के आधार पर विश्लेषण करके रिपोर्ट जारी किया है। एडीआर ने कहा है कि मंत्रीमंडल में शामिल जार्ज कुरियन के बारे में कोई विश्लेषण नहीं किया है क्योंकि वह किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 19 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है, जिनमें हत्या प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं। उन मामलों को गंभीर श्रेणी में रखा गया है जिनमें 5 साल या इससे अधिक सजा का प्रावधान है। साथ ही महिला के खिलाफ अपराध को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दो मंत्रियों के खिलाफ हत्या प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज है, जबकि 5 मंत्रियों पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के आरोप में मुकदमा दर्ज हैं।
मांझी को छोड़कर सभी अन्य मंत्री हैं करोड़पति
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में जिन 71 मंत्रियों के बारे में विश्लेषण किया है, उनमें से 70 मंत्री करोड़पति हैं। रिपोर्ट में इन मंत्रियों की औसत संपत्ति 107 करोड़ रुपये होने का दावा किया है। केंद्रीय मंत्रीमंडल में सिर्फ एक मंत्री ऐसे हैं, जो करोड़पति नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल घटक दल टीडीपी कोटे से मंत्री बने डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासनी की कुल संपत्ति 5 हजार 705 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के हैं। जबकि सबसे कम एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी की कुल संपत्ति महज 30 लाख रुपये हैं।
मंत्रीमंडल में सबसे अधिक वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्रीमंडल में सबसे अधिक वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रीमंडल में सबसे अधिक 47 यानी 66 फीसदी मंत्री 51 से 70 साल के उम्र हैं। जबकि 7 यानी 10 फीसदी 71 से 80 साल के हैं। वहीं, 17 यानी 24 फीसदी मंत्रियों की उम्र 31 से 50 वर्ष के बीच है।