यह चर्चा आम है कि चुनाव आम नहीं खास लड़ा करता है। एडीआर की रिपोर्ट पर गौर फरमाएं तो यह अवधारणा काफी हद तक सही साबित होती है। वर्ष 2012 के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में हर पांचवां उम्मीदवार करोड़पति था। रिपोर्ट के मुताबिक इन पांच राज्यों में से 8978 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण में पता लगा कि 1997 (22फीसदी) उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या इससे अधिक थी।
चुनावी सुधार पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने 2012 और वर्ष 2007 के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर रिपोर्ट तैयार की थी। वर्ष 2007 में इन पांच राज्यों में खड़े 4433 उम्मीदवारों में से 715 (16 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति थे। एडीआर ने यह रिपोर्ट उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की थी।
एडीआर की रिपोर्ट के आधार वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में 6661 में से 1333 उम्मीदवार (21फीसदी) करोड़पति थे। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी के सबसे ज्यादा 66 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति थे। सपा के 59 फीसदी, बीजेपी के 50 फीसदी और कांग्रेस के 52 फीसदी करोड़पति उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था। वहीं 2007 के चुनाव में कुल 14 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।