Lok Sabha Election: राजनीतिक दलों के महिला सशक्तीकरण के लंबे-चौड़े दावों के बावजूद मौजूदा लोकसभा चुनाव में 10% से भी कम महिलाएं उम्मीदवार हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, 8337 उम्मीदवारों में से केवल 797 ही महिलाएं हैं। 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए कुल 8,360 उम्मीदवार मैदान में हैं। 1996 के बाद से किसी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की यह सर्वाधिक संख्या है। 1996 में लोकसभा की 543 सीटों पर रिकॉर्ड 13,952 प्रत्याशी मैदान में थे। जहां तक इस लोकसभा चुनाव के सातवें आखिरी चरण की बात है तो आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर 904 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं, जहां 1 जून को मतदान होगा। इस चरण में एक संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 16 है। सभी चरणों में एक सीट पर औसत प्रत्याशियों की संख्या की बात करें तो यह 15.39 है।
2024 के लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो गए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार अगर सभी सात चरणों में प्रत्याशियों की संख्या से लिहाज से देखें तो 13 मई को हुए चौथे चरण में प्रत्याशियों की संख्या सबसे अधिक 1,717 थी। इस चरण में 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की 96 सीटों के लिए मतदान हुआ था। पहले चरण में 102 सीटों के लिए 1,625, दूसरे चरण में 89 सीटों के लिए 1,198, तीसरे चरण में 94 सीटों के लिए 1,352, पांचवें चरण में 49 सीटों के लिए 695 प्रत्याशी मैदान में थे। आगामी छठे चरण के लिए 869 प्रत्याशी मैदान में हैं।
लोकसभा चुनाव
राजनीतिक दलों के महिला सशक्तीकरण के लंबे-चौड़े दावों के बावजूद मौजूदा लोकसभा चुनाव में 10% से भी कम महिलाएं उम्मीदवार हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, 8337 उम्मीदवारों में से केवल 797 ही महिलाएं हैं। यह आंकड़ा चुनाव में लड़ रहे कुल उम्मीदवारों का मात्र 9.5% ही है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद यह पहला चुनाव है। हालांकि महिला आरक्षण कानून अभी अमल में नहीं आया है। पहले चरण में 1,618 उम्मीदवारों में से 135 महिलाएं थीं। दूसरे में 1198 उम्मीदवारों में से 100, तीसरे में 1352 उम्मीदवरों में 123, चौथे में 1717 में से 170, पांचवें में 695 में से 85 महिलाएं उम्मीदवार थीं। छठे चरण में 869 में से 92 और आखिरी यानी सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों में से 95 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
1,644 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले
एडीआर के अनुसार, 9337 उम्मीदवारों में से 1644 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन उम्मीदवारों में से 1,188 पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। इन आरोपों में हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण समेत अन्य अपराध शामिल हैं। छठवें चरण में 866 उम्मीदवारों में से 180 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इनमें से 141 पर गंभीर मामले हैं। वहीं सातवें चरण में 904 प्रत्याशियों में से 199 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 151 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।
ओडिशा में आखिरी चरण में 20 करोड़पति
ओडिशा में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में एक जून को छह सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन छह सीटों पर 20 करोड़पति अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में खड़े उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.83 करोड़ है। भाजपा के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 27.12 करोड़ तो बीजद के उम्मीदवारों की संपत्ति 6.61 करोड़ और कांग्रेस के उम्मीदवारों की 2.37 करोड़ है। केंद्रपाड़ा से भाजपा उम्मीदवार वैजयंत पांडा के पास 148.08 करोड़ की संपत्ति है। जगतसिंहपुर से उत्कल समाज पार्टी के भानुमती दास के पास सबसे कम मात्र 1500 रुपये ही हैं।