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Patna
राजनीति में दाग अच्छे हैं। अच्छे, इसलिए कि 2010 के विधानसभा चुनाव में एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट में जिन 141 विधायकों पर आपराधिक मामले थे उनमें अधिकांश चेहरों पर पार्टियों ने इस बार भी भरोसा जताया है। इनमें से 38 जदयू से, 47 भाजपा से, 6 राजद से, 1 लोजपा से, 3 हम से, 3 कांग्रेस से और 1 निर्दलीय फिर मैदान में हैं। वहीं तीन नाम दिवंगत हो चुके हैं। इन दागी विधायकों में 46 पर तो हत्या, अपहरण, हत्या का प्रयास, रंगदारी जैसे संगीन मामले के आरोप थे। आज dainikbhaskar.com आपको एक ऐसे बाहुबली नेता से मिलवा रहा हैं जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज तो हैं, लेकिन आज वे क्राइम का रास्ता छोड़ आर्ट ऑफ़ लिविंग के टीचर बन चुके हैं। इस बार भी उन्हें भाजपा से टिकट मिला है।
जुड़े श्री श्री रविशंकर से
इस चुनाव में चितरंजन को बीजेपी ने फिर टिकट दिया है। चितरंजन कभी पांडव सेना के सदस्य थे। बता दें कि पांडव सेना का नाम पहली बार सन् 1990 में जहानाबाद के अजय सिंह की हत्या के बाद सामने आया था। पांडव सेना से अलग होने के बाद श्री श्री रविशंकर के शिष्य बन गए। 2005 में इन्हें बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अरवल से बीजेपी का टिकट मिला था।
लोगों के बीच था खौफ
बताया जाता है कि चितरंजन और उनकी पांडव सेना का खौफ एक समय इस कदर था कि कई डॉक्टर्स जहानाबाद छोड़ दूसरे शहर चले गए। गुंडागर्दी और पांडव सेना के आतंक के चलते ही उन पर क्रिमिनल केसेस दर्ज किए गए हैं।
चलाते हैं आर्ट ऑफ लिविंग की क्लासेस
बिहार के कई शहर और गांवों में जाकर चितरंजन अब आर्ट ऑफ़ लिविंग की क्लासेस चलाते हैं। उनकी टीम में 10 से 12 लोग हैं। लोगों को शराब से दूर रहने, अहिंसा को अपनाने की शिक्षा देते हैं।
दर्ज है कई क्रिमिनल केसेस
चितरंजन पर कई क्रिमिनल केसेस दर्ज हैं। हाल ही में बिहार इलेक्शन कमीशन को जमा किए नॉमिनेशन में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है। कई मामलों की सुनवाई आज भी कोर्ट में जारी है।