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New Delhi

नई दिल्ली : एक गैर सरकारी संगठन के विश्लेषण से उजागर हुआ है कि राजनीतिक पार्टियों और उनके सांसदों ने अपने चुनावी खर्चों की जो घोषणा की है उनमें खामियां हैं और यह दिखाता है कि दोनों में से किसी ने सही आंकड़े नहीं दिए हैं।

चुनावी सुधार के लिए कार्यरत ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों की ओर से पेश घोषणाओं के विश्लेषण के बाद आज दावा किया कि 33 प्रतिशत सांसदों की घोषणाएं चुनावी खर्च के लिए उम्मीदवारों को आबंटित की गई धनराशि से मेल नहीं खातीं।

एडीआर ने आज कहा, ‘राष्ट्रीय पार्टियों के 342 सांसदों में से 263 सांसदों ने घोषणा की कि उन्हें अपनी पार्टियों से कुल 75.58 करोड़ रूपये मिले जबकि राष्ट्रीय पार्टियों ने घोषणा की कि सिर्फ 175 सांसदों को 54.73 करोड़ रूपये दिए गए।’ एडीआर ने कहा कि भाजपा ने घोषणा कि उसने चुनावी खर्चे के लिए 17 सांसदों को कुल एक करोड़ 22 लाख रूपये दिए। उनमें से हरेक को 10 लाख रूपये से कम राशि मिली। भाजपा ने यह भी घोषणा की उसने 142 सांसदों को 47.03 करोड़ रूपये दिए और प्रत्येक को 10 लाख रूपये से ज्यादा रकम मिली।

एडीआर ने कहा कि उधर, भाजपा के 282 सांसदों में से 229 ने घोषणा की कि उन्हें अपनी पार्टी से 65.88 करोड़ रूपये की सहायता मिली जो भाजपा की ओर से घोषित आवंटित राशि से करीब 18 करोड़ ज्यादा है।

एडीआर ने एक बयान में कहा, ‘भाजपा ने घोषणा की थी कि उसने 159 सांसदों को कुछ धनराशि दी थी, उनमें से सिर्फ 105 सांसदों ने कुछ धनराशि की घोषणा की जबकि 35 सांसदों ने भाजपा की घोषित धनराशि से ज्यादा राशि की घोषणा की।’ उसने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आयोग के समक्ष घोषणा की उसने सात सांसदों को कुल 2.7 करोड़ रूपये दिए हैं। उनमें से प्रत्येक ने 10 लाख रूपये से ज्यादा की रकम पाई।

एडीआर ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने घोषणा की कि उसने पांच सांसदों को कुल 2.5 करोड़ रूपये की राशि दी। प्रत्येक को 10 लाख रूपये से ज्यादा मिली। कांग्रेस के 44 सांसदों में से 18 ने पार्टी से 4.03 करोड़ की रकम रूपये पाने की घोषणा की जबकि राकांपा के सभी 6 सांसदों ने 2.79 करोड़ रूपये की धनराशि पाने की घोषणा की।