पिछले वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को सर्वाधिक 90 फीसद चंदा कॉरपोरेट जगत से मिला है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नामक संस्था ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि भाजपा ही देश की एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसने चुनाव आयोग को चंदे की जानकारी अब तक नहीं दी है।
अपनी रिपोर्ट में एडीआर ने कहा है कि कांग्रेस, राकांपा और भाकपा को वर्ष 2013-14 में कुल मिले चंदे में 62.69 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई जो उसके पिछले साल की तुलना में 517 फीसद अधिक है। कांग्रेस को वर्ष 2012-13 में 11.72 करोड़ मिले थे जो वर्ष 2013-14 में 59.58 करोड़ हो गया। यह 408 फीसद ज्यादा है।
वर्ष 2012-13 में भाजपा ने जो कुल मिले चंदे की घोषणा की थी वह कांगे्रस, राकांपा, भाकपा और माकपा द्वारा वर्ष 2013-14 में घोषित कुल चंदे की रकम से अधिक थी। भाजपा ने उस वर्ष 20 हजार रुपये से अधिक चंदा देने वालों से (जिसका चुनाव आयोग को ब्योरा देना आवश्यक है) कुल 83.19 करोड़ रुपये मिलने की घोषणा की थी।
कांग्रेस को भारती समूह से 36.5 करोड़ चंदा
भारती समूह के सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस को सर्वाधिक 36.5 करोड़ रुपये दिए थे जबकि एवी पाटिल फाउंडेशन ने पांच करोड़ और भारत फोर्ज लिमिटेड ने 2.5 करोड़ रुपये कांग्रेस को दिए थे। इस तीनों समूहों में से किसी ने भी वर्ष 2012-13 में कांग्रेस को कोई चंदा नहीं दिया था।