
नई दिल्ली। IBN7 और ADR यानी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने अलग-अलग सांसदों का सर्वे कर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। इस सर्वे के आधार पर हमने सांसदों को 10 अंकों के पैमाने पर कई तरह की कसौटियों पर कसा है। मसलन, सांसद का कामकाज, उसके संसदीय क्षेत्र की आर्थिक-सामाजिक स्थिति और संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं की राय। जानते हैं ऐसी तमाम कसौटियों पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह के काम को उनके मैनपुरी की जनता कितना अच्छा या खराब मानती है।
75 साल के मुलायम सिंह यादव उत्तरप्रदेश में सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं। मुलायम सिंह यादव राजनीति में एमए हैं। मुलायम पहली बार 1967 में विधायक चुने गए थे। वो आठ बार विधायक बन चुके हैं। 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। मुलायम तीन बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। 1996 में यूपी के मैनपुरी से सांसद चुने गए मुलायम सिंह यादव युनाइटेड फ्रंट सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे हैं। 15वीं लोकसभा में भी मैनपुरी से ही सांसद हैं।
हमने मैनपुरी की जनता से मुलायम सिंह के पांच साल के कामकाज पर सवाल पूछा। ये सवाल हमने कई तरह की कसौटियों पर पूछा, जिसके आधार पर दस के पैमाने पर तैयार हुआ मुलायम सिहं का बतौर एमपी रिपोर्ट कार्ड की हमारी पहली कसौटी थी कि माननीय सांसद तक आम आदमी का पहुंचना कितना आसान या मुश्किल है। मैनपुरी से सांसद मुलायम सिंह को जनता तक पहुंच के मामले में 10 के पैमाने पर 3.92 अंक ही मिले हैं।
अस्पताल और हेल्थ सेंटर के मामले में मैनपुरी ने मुलायम की अगुवाई में कितनी तरक्की की-इसके जवाब में उन्हें 4.85 अंक मिले हैं। मैनपुरी में कानून व्यवस्था कैसी है, इस सवाल पर हमें जो प्रतिक्रिया मिली उसके मुताबिक मुलायम सिंह को 5.02 अंक मिले हैं। सड़कों के मामलें 5.11 अंक और स्कूल की सुविधाओं के मामले में भी उन्हें 5.07 अंक मिले हैं।
मैनपुरी की जनता को पीने के पानी की सुविधा कितनी मिल पाती है-इस कसौटी पर मुलायम को 5.27 अंक मिले हैं। जबकि रोजगार के मौके के मुद्दे पर मुलायम को 4.61 अंक मिले हैं। इन मुद्दों और कसौटियों को 10 के पैमाने पर हमने जब एक साथ मिला दिया तो हमारे सामने मुलायम सिंह का बतौर एमपी पूरा रिपोर्टकार्ड था। इस रिपोर्ट कार्ड में मुलायम सिंह को 10 अंक में से 4.79 की फाइनल रेटिंग मिली है। यानी मुलायम सिंह यादव की फाइनल रेटिंग प्रतिशत के मामले में 50 फीसदी ही है।