
63 साल के राजनाथ सिंह गाजियाबाद से सांसद हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह पार्टी की पहली पंक्ति के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाते हैं। फिजिक्स में एमएससी राजनाथ सिंह ने मिर्जापुर के एक कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर पेशेवर जिंदगी शुरू की थी। इस दौरान वो जनसंघ में भी सक्रिय थे, यही रिश्ता उन्हें सियासत में खींच लाया।
1977 में वो मिर्जापुर से विधायक चुने गए। बाद में वो लंबे वक्त तक बीजेपी के युवा मोर्चे में सक्रिय रहे, और अहम पदों पर पहुंचे। 1991 में वो यूपी के शिक्षा मंत्री भी बने। 1999 में वो केंद्र में भू-परिवहन विभाग में कैबिनेट मंत्री बने।साल 2000 में वो यूपी के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। राजनाथ सिंह 2005 में भी बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं। राजनाथ के बारे में हमने उनके संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में जनता की राय जानी।
एमपी के रिपोर्ट कार्ड की हमारी पहली कसौटी थी कि माननीय सांसद तक आम आदमी का पहुंचना कितना आसान या मुश्किल है। गाजियाबाद से सांसद राजनाथ सिंह जनता तक पहुंच के मामले में 10 के पैमाने पर 4.4 अंक ही मिले हैं। चिकित्सा व्यवस्था के नाम पर गाजियाबाद की जनता ने 10 में से 4.22 अंक ही दिए हैं।
गाजियाबाद में कानून व्यवस्था कैसी है, इस सवाल पर हमें जो प्रतिक्रिया मिली उसके मुताबिक राजनाथ सिंह को 4.57 अंक मिले हैं। स्कूल की सुविधाओं के मामले में भी उन्हें 4.57 अंक ही मिले हैं। अपने सांसद पर भरोसे के मामले में राजनाथ को 4.46 अंक मिले हैं। जबकि रोजगार के मुद्दे पर उन्हें 4.92 अंक मिले हैं।
इन मुद्दों और कसौटियों को 10 के पैमाने पर हमने जब एक साथ मिला दिया तो हमारे सामने राजनाथ सिंह का बतौर एमपी पूरा रिपोर्टकार्ड था। इस रिपोर्ट कार्ड में राजनाथ सिंह को 10 के पैमाने पर 4.53 की फाइनल रेटिंग मिली। बतौर सांसद राजनाथ सिंह का ये प्रदर्शन 50 प्रतिशत के आसपास ही टिकता है। यानी औसत-न अच्छा न खराब।