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क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने वर्ष 2015-16 के दौरान 20,000 रुपए की सीमा से अधिक राशि के चंदे के रूप में 108 करोड़ रुपए का कुल चंदा प्राप्त किया है। 20,000 रुपए से अधिक का चंदा मिलने पर स्रोत की जानकारी का खुलासा करना होता है। दिल्ली के एक थिंक टैंक एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(एडीआर) द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना को इस दौरान 86.84 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ। वहीं आम आदमी पार्टी को इस दौरान 6.605 करोड़ मिले। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को प्राप्त चंदे का कुल 81 प्रतिशत शिवसेना को प्राप्त हुआ। आप को 20,000 रुपए से अधिक का 1,187 लोगों या संगठनों ने चंदा दिया। वहीं पीएमके को 571, शिवसेना को 143 और तेदेपा को 75 लोगों या संगठनों ने 20,000 रुपए से अधिक का चंदा दिया। 

पार्टियों को दान का ‘दंगल’!

देश की राष्ट्रीय सहित तमाम क्षेत्रीय पार्टियों को मिलने वाले दान का दंगल हमेशा से चलता रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक राजनीतिक दलों को अगर बीस हजार से ज्यादा का दान मिलता है, तो उसे सूचित करना होगा। इससे कम दान देने या मिलने पर कोई हिसाब-किताब की जरूरत ही नहीं होती। ज्यादातर रकम इन्हीं खाते में होती है, लेकिन बीस हजार से ज्यादा का दान 2015-16 में भी ठीक-ठाक ही मिला। नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) द्वारा जारी किए आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में क्षेत्रीय पार्टियों को बीस हजार से ज्यादा  का कुल 107.62 करोड़ रुपये का दान मिला।  चलिए हम आपको विस्तार से जानकारी दिए देते हैं।

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