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नेताओं की बढ़ती संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट अब सख्त होती नजर आ रही है। सांसद या विधायक बनने के बाद नेताओं की संपत्ति में बेतहाशा इजाफा देखा जा रहा है, उस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के अनुसार अज्ञात स्रोतों से चंदा मिलने के मामले में भाजपा सबसे आगे है। उसे वर्ष 2015-16 में 461 करोड़ रुपए अज्ञात स्रोत से मिले जो उसकी कुल आय का 81 प्रतिशत है। जबकि कांग्रेस को 186 करोड़ रुपए मिले जो उसकी कुल आय का 71 प्रतिशत है।

हर राजनीतिक दल के नेता हैंं शुमार

नेताओं की बढ़ती संपत्ति मामलों में करीब 289 नेताओं के नाम शामिल हैं और इसमें हर राजनीतिक दल का कोई न कोई नेता शुमार है। लेकिन इस पर कुछ सांसदों का यह भी तर्क होता है कि उनकी प्रॉपर्टी का मूल्यांकन वर्तमान बाजार मूल्य से किया जाता है। लेकिन कोर्ट चाहता है कि इसकी हर स्तर पर जांच होनी चाहिए। इससे स्पष्ट हो सके कि नेताओं की आय में हुई वृद्धि कानूनी तौर पर सही है या नहीं।

जस्टिस जे. चेलामेश्वर और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि इस मामले में आय का स्रोत जानने के लिए जांच जरूरी है और यह भी पता लगाना जरूरी है कि प्रॉपर्टी का जो आकलन किया गया है वह कानूनी तौर पर कितना सही है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। एनजीओ ने कोर्ट से अपील की है कि इलेक्शन के दौरान ऐफिडेविट में सोर्स ऑफ इनकम का कॉलम जोड़ा जाए, ताकि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों का सोर्स ऑफ इनकम पता चल सके।

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