सार
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की पिछले पांच वर्षों में इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक फंडिंग पर एक रिपोर्ट बताती है कि गुजरात में भाजपा को कुल योगदान का 94 फीसदी हिस्सा मिला है।
विस्तार
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण से तीन दिन पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पिछले पांच वर्षों में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक चंदे पर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में पता चला है कि भाजपा ने गुजरात में कुल योगदान का 94 फीसदी हिस्सा हासिल किया है। जबकि कांग्रेस को करीब 5 फीसदी का चंदा मिला। एडीआर की रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा पर निशाना साधने लगे हैं।
जानें किस पार्टी को कितना चंदा मिला
रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2018 से अक्तूबर 2022 तक सभी पार्टियों को कुल मिलाकर 174 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा 163 करोड़ रुपये था। वहीं कांग्रेस को केवल 10.5 करोड़ रुपये के चंदा के साथ संतोष करना पड़ा और AAP को सबसे कम 32 लाख रुपये मिला। वहीं अन्य पार्टियों को 20 लाख रुपये मिला। राष्ट्रीय स्तर पर, भाजपा को 2017-18 के बाद से खरीदे गए सभी इलेक्टोरल बॉन्ड का 65 फीसदी या दो-तिहाई प्राप्त हुआ है।
आरटीआई के जरिए मिली जानकारी
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) को SBI की गांधीनगर शाखा से एक आरटीआई का जवाब मिला, जिसमें कहा गया था कि 343 करोड़ रुपए के 595 बॉन्ड खरीदे गए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि अप्रैल 2019 में सबसे अधिक संख्या में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए। उनमें से 137 बॉन्ड की कीमत 87.5 करोड़ रुपए की थी।
पांच साल की अवधि में सभी राज्यों से कुल 4,014.58 करोड़ रुपये चंदा आए
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल की अवधि में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त कुल कॉर्पोरेट दान (4,014.58 करोड़ रुपये) में से चार फीसदी या 174 करोड़ रुपये गुजरात से आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि 74.3 करोड़ रुपये प्रूडेंट इलेक्टोरल नामक एक इकाई से आए हैं। इस ट्रस्ट के जरिए गुजरात की छह कंपनियों ने चंदा दिया।