भारत के दस शीर्ष क्षेत्रीय दलों डीएमके, बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर-कांग्रेस, जेडीयू, एसपी, आप, एसएडी, एमजीपी और टीडीपी ने 2021-22 में 852.88 करोड़ रुपए का चुनावी चंदा प्राप्त किया है।
भारत के दस शीर्ष क्षेत्रीय दलों डीएमके, बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर-कांग्रेस, जेडीयू, एसपी, आप, एसएडी, एमजीपी और टीडीपी ने 2021-22 में 852.88 करोड़ रुपए का चुनावी चंदा प्राप्त किया है। पार्टियों ने ये चंदा चुनावी बांड के माध्यम से मिले दान के जरिए हासिल किया। चुनावों पर काम करने वाले एक एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 36 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1,213 करोड़ रुपए थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि एडीआर ने 2021-22 के लिए 54 में 36 क्षेत्रीय दलों की आय और खर्च (व्यय) का विश्लेषण किया, जो अपनी ऑडिट रिपोर्ट उन्होंने चुनाव आयोग को सौंपी थी।
द्रमुक को मिला सबसे ज्यादा चंदा
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक ने साल में सबसे अधिक 318 करोड़ रुपए का दान मिलने की जानकारी दी। दूसरे नंबर पर बीजद है, जिसे 307 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। टीआरएस 218 करोड़ की सालाना कमाई के साथ तीसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार देश की शीर्ष पांच पार्टियों की कुल कमाई 1024.424 करोड़ रुपए है।
20 पार्टियों की कमाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी
36 में से 35 पार्टियां के साल 2020-21 और 2021-22 के कमाई की तुलना की गई, इसमें 20 पार्टियों की कमाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। वहां 15 पार्टियों की कमाई पिछले साल की तुलना में घटी है। साल 2020-21 में 35 पार्टियों की सालाना कमाई जहां मात्र 565.424 करोड़ थी, वहीं 2021-22 में इन्ही पार्टियों की कमाई 1,212.708 करोड़ रही है। दोनों सालों के बीच पार्टियों की कमाई में 114.48 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
इस साल बीजेडी को हुआ काफी फायदा
20-21 की तुलना में बीजेडी की कमाई 233 करोड़ रुपए बढ़ी है। वहीं टीआरएस की 180 करोड़ तो डीएमके की कमाई 168 करोड़ के करीब बढ़ी है।
सपा ने खर्च किए सबसे अधिक पैसे
बात करें पार्टियों के खर्च की तो, 2021-22 में 36 क्षेत्रीय दलों का कुल खर्च 288 करोड़ रुपए था। शीर्ष पांच दलों द्वारा किया गया कुल खर्च 176.779 करोड़ रुपए रहा। सबसे अधिक खर्च करने वाली क्षेत्रीय पार्टियों में सपा 54 करोड़ रुपए के साथ पहले नंबर पर है। वहीं, डीएमके 35 करोड़ रुपए के साथ दूसरे नंबर पर है। आप ने पिछले साल 30 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। बीजेडी ने 28 करोड़ रुपए तो एआईएडीएमके ने 28 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।