तमाम राजनैतिक दल राजनीति का अपराधिकरण रोकने की बात तो करते हैं, अपराध को समाप्त करने के लिए कानून भी बनते हैं लेकिन देश की सबसे पड़ी पंचायत में बैठे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के कई नेताओं के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले हैं. देश के लगभग 40 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत ने हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने यह जानकारी दी है. एडीआर ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रत्येक सांसद की संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 (सात प्रतिशत) अरबपति हैं.
चुनाव अधिकार निकाय ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यों में, केरल के 29 सांसदों में से 23 (79 प्रतिशत), बिहार के 56 सांसदों में से 41 (73 प्रतिशत), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 37 (57 प्रतिशत), तेलंगाना के 24 सांसदों में से 13 (54 प्रतिशत) दिल्ली के 10 सांसदों में से पांच (50 प्रतिशत) ने अपने शपथपत्रों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.चुनाव अधिकार निकाय के अनुसार बिहार के 56 सांसदों में से लगभग 28 (50 प्रतिशत), तेलंगाना के 24 सांसदों में से नौ (38 प्रतिशत), केरल के 29 सांसदों में से 10 (34 प्रतिशत), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 22 (34 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश से 108 सांसदों में से 37 (34 प्रतिशत) ने अपने शपथपत्रों में गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.आंकड़ा सांसदों द्वारा अपने पिछले चुनाव और उसके बाद का कोई भी उप-चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से निकाला गया है. लोकसभा की चार सीटें और राज्यसभा की एक सीट खाली है और जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें अपरिभाषित हैं. एक लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि ये दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं थे.
763 मौजूदा सांसदों में से 306 (40 प्रतिशत) मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है और 194 (25 प्रतिशत) मौजूदा सांसदों ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं.एडीआर ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यों में, केरल के 29 सांसदों में से 23 (79 प्रतिशत), बिहार के 56 सांसदों में से 41 (73 प्रतिशत), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 37 (57 प्रतिशत), तेलंगाना के 24 सांसदों में से 13 (54 प्रतिशत) दिल्ली के 10 सांसदों में से पांच (50 प्रतिशत) ने अपने शपथपत्रों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
ADR और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. ये डेटा सांसदों के ही चुनावी हलफनामों से निकाला गया है. लोकसभा की चार सीटें और राज्यसभा की एक सीट ख़ाली है और जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें अपरिभाषित हैं. इस वजह से उनका विश्लेषण नहीं हो पाया.रिपोर्ट में कहा गया है कि 763 मौजूदा सांसदों में से 306 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसमें से 194 सांसदों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.