मौजूदा वक्त में 513 महिला सांसदों और विधायकों में से 512 लीडर्स के द्वारा पेश किए गए हलफनामों के आधार पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि 143 या 28 फीसदी ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
चुनाव अधिकार निकाय, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने देश में मौजूदा महिला सांसदों और विधायकों से जुड़ी एक रिपोर्ट पब्लिश की है. ADR की एनालिसिस के मुताबिक, देश भर में 17 महिला सांसद और विधायक हैं, जिन्होंने खुद को अरबपति घोषित किया है, जबकि 28 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 17 अरबपति सांसदों और विधायकों में लोकसभा की 75 महिला सांसदों में से छह, राज्यसभा की 37 में से तीन और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं की 400 महिला विधायकों में से आठ शामिल हैं.
मौजूदा वक्त में 513 महिला सांसदों और विधायकों में से 512 लीडर्स के द्वारा पेश किए गए हलफनामों के आधार पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि 143 या 28 फीसदी ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसमें 75 लोकसभा महिला सांसदों में से 24 (32 फीसदी), 37 राज्यसभा महिला सांसदों में से 10 (27 फीसदी) और 400 महिला विधायकों (सभी राज्य विधानसभाओं/केंद्र शासित प्रदेश) में से 109 (27 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 78 महिला सांसदों (15 फीसदी) पर हत्या की कोशिश और यहां तक कि हत्या जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें 75 लोकसभा महिला सांसदों में से 14 (19 फीसदी), 37 राज्यसभा महिला सांसदों में से 7 (19 फीसदी) और विश्लेषण किए गए 400 महिला विधायकों (सभी राज्य विधानसभाओं/केंद्र शासित प्रदेश) में से 57 (14 फीसदी) ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कुछ राज्यों में आपराधिक रिकॉर्ड वाली महिला सांसदों का अनुपात विशेष रूप से ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, गोवा से तीन महिला सांसदों/विधायकों में से दो (67 फीसदी), तेलंगाना से 12 महिला सांसदों/विधायकों में से 8 (67 फीसदी), आंध्र प्रदेश से 24 महिला सांसदों/विधायकों में से 14 (58 फीसदी), पंजाब से 14 महिला सांसदों/विधायकों में से 7 (50 फीसदी), केरल से 14 महिला सांसदों/विधायकों में से 7 (50 फीसदी) और बिहार से 35 महिला सांसदों/विधायकों में से 15 (43 फीसदी) ने अपने शपथ-पत्र में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तेलंगाना की 12 महिला सांसदों/विधायकों में से पांच (42 फीसदी), आंध्र प्रदेश की 24 महिला सांसदों/विधायकों में से 9 (38 फीसदी), गोवा की 3 महिला सांसदों/विधायकों में से 1 (33 फीसदी), बिहार की 35 महिला सांसदों/विधायकों में से 9 (26 फीसदी), मेघालय की 4 महिला सांसदों/विधायकों में से 1 (25 फीसदी), पंजाब की 14 महिला सांसदों/विधायकों में से 3 (21 फीसदी) और केरल की 14 महिला सांसदों/विधायकों में से 3 (21 फीसदी) ने अपने शपथपत्रों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
राजनीतिक दलों के आधार पर क्या कहती है रिपोर्ट?
पार्टी के हिसाब से बीजेपी में कुल मिलाकर सबसे ज़्यादा महिला विधायक (217) हैं, जिनमें से 23 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 11 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं. कांग्रेस में यह अनुपात ज़्यादा है, जिसकी 83 महिला विधायकों में से 34 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 20 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं.
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की 20 महिला विधायकों में से 65 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 45 फीसदी पर गंभीर मामले दर्ज हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) की 13 महिला विधायकों में से 69 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 31 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं.
एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने कहा कि फाइनेंशियल बैकग्राउंड के हिसाब से, सभी 512 महिला सांसदों और विधायकों की कुल घोषित संपत्ति ₹10,417 करोड़ है, जिसमें से हर विधायक की औसत संपत्ति ₹20.34 करोड़ है.
आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 सबसे अमीर महिला विधायक हैं, जिन्होंने अपनी औसत संपत्ति 74.22 करोड़ रुपये घोषित की है.
18वीं लोकसभा में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से महिला सांसद हैं. केरल एकमात्र बड़ा राज्य है, जहां कोई महिला सांसद नहीं है. मेल कैंडिडेट्स की तुलना में महिला उम्मीदवारों की जीत का प्रतिशत ज्यादा रहा. 800 में से 74 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव जीता (9.3 फीसदी), जबकि 7554 पुरुष उम्मीदवारों में से 469 निर्वाचित हुए (6.2 फीसदी).
पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 11 महिला सांसद हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश में 7, महाराष्ट्र में 7 और मध्य प्रदेश में 6 हैं.